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Earn lakhs of rupees per month by quail farming. बटेर पालन, Quail Eggs


quail bird

बटेर पालन कर कमाए लाखो रूपये प्रति माह 

Earn lakhs of rupees per month by quail farming. 

Quail eggs,बटेर पालन, बटेर पक्षी  


इस आर्टिकल में बटेर पक्षी की जानकारी देंगे और साथ ही उससे जुड़े 

रोजगार के बारे में भी बताएंगे इस पक्षी का आप वैज्ञानिक विधि से 

व्यावसायिक पालन कर कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं 

खासकर यह लेख उन लोगों के लिए दिलचस्प और कारगर साबित 

होगी जो पक्षी प्रेम या परिंदों की मोहब्बत दिल में समाय बैठे हैं पक्षी प्रेम में 

रुचि रखने वाले परिंदों को पलते हैं अपना कीमती वक्त और पैसा खर्च 

करके अच्छी केयर करते हैं लेकिन उनसे कोई मुनाफा नहीं कमाते महज 

शौक और पक्षी प्रेम की तलब में यह सब कर गुजरते हैं 


चलिए हम आपको एक ऐसा तरीका बताते हैं जिससे आपका शौक और 

पक्षी प्रेम की तलब भी पूरी होगी और साथ ही कमा पाएंगे लाखों रुपए प्रति 

माह| इससे पहले की आप स्टोरी की फीलिंग में खो जाए ब्लॉग को 

follow कर लीजिए|   


हम बात कर रहे हैं quail farming  बटेर पालन की 


इसीलिए आर्टिकल को एंड तक जरूर पढ़े हो सकता है बैटर हाथ लग 

जाए बटेर पालन की जानकारी से पहले बटेर पक्षी के बारे में जानना भी 

जरूरी है जिससे बटेर की जंगली और वैज्ञानिक विधि द्वारा विकसित 

प्रजातियों में अंतर स्पष्ट कर बटेर की विभिन्न नस्लों को पहचाना जा सके


बटेर पालन कैसा व्यवसाय है Quail Farming

बटेर पालन एक सफल व्यवसाय है इस में काम पूजी लगा कर ज्यादा मुनाफा कमा सकते है क्योंकि बटेरो में दवा और खाने का खर्च कम होता है

बटेर की कितनी प्रजातीय है Quail Species

बटेरो की 32 प्रजातिया पायी जाती है

बटेर के अंडे के फायदे Quail eggs benefits

बटेर के अंडे खाने से आखों को फायदा मिलता है क्योंकि इसमें विटामिन A पाया जाता है कोलेस्ट्रॉल कम होने के कारण दिल के लिए फायदेमंद है दिमाग अच्छा रहता है ब्लड शुगर को कंट्रोल करता है लिवर, किडनी को बेहतर बनता है बॉडी को हेल्थी बनाये रखता है

बटेर के अंडो में पोषक त्वत Quail Eggs Nutrition

बटेर के अंडे में प्रोटीन और विटामिन A प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसमें एंटी ऑक्सीडेंड होता है कोलेस्ट्रॉल कम होता है ऊर्जा अधिक होने के कारण हेल्थ अच्छी रहती है

Quail eggs protein

बटेर के अंडे में प्रोटीन भरपूर होता है

Quail eggs online

बटेर के अंडे ऑनलाइन वेबसाइट पर मिल जाते है

बटेर अंडे का मूल्य Quail eggs price

बटेर के अंडे मुर्गी के अंडे से सस्ते मिलते है

Quail eggs near me

बटेर के अंडे ऑनलाइन वेबसाइटो पर या बटेर फार्म से मिल जायेगे

बटेर के अंडे लिवर के लिये For Liver

बटेर अंडों में हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण हैं, जोकि लीवर को डैमेज होने से बचाते हैं


सामान्य बटेर (Common Quail )


Scientific Classification


Kingdom              Animalia

Phylum                Chordata

Class                    Aves

Order                   Galliformes

family                   Phasianoidea

Genus                 Coturnix

Scientific name of Quail, bater ka vaigyanic name


Quail 

बटर एक छोटा परिंदा है बटेर की दुनिया भर में 32 

प्रजातियां पाई जाती हैं बटेर एशिया, अफ्रीका, यूरोप, अमेरिका और संपूर्ण 

भारतवर्ष में पाया जाता है बटेर को खेत खलियानो जंगलों में देखा जा 

सकता है क्योंकि बटेर जमीन पर रहना पसंद करती है और अपना घोंसला 

भी जमीन पर ही झाड़ियां में बनती है यह ज्यादा लंबी ऊंची उड़ान नहीं 

भरते बटेर ग्रुप में रहना पसंद करती है बटेर का आकार लगभग 5 से 8 

इंच लंबा वजन महज 60 से 80 ग्राम तक ही होता है इसका रंग सफेद, 

भूरा या धब्बेदा हो सकता है पेड़,पौधों, तथा घास के बीज,फल,पत्तियां 

अनाज छोटे पत्थर खाने के साथ-साथ कीड़े मकोड़े को भी खाते हैं 

प्रजनन के दौरान मादा 8 से 12 अंडे देती है अंडो का रंग सफेद हो सकता 

है बटेर के बच्चे जन्म से ही चलने लायक होते हैं इस दौरान मादा बच्चों की 

देखभाल करती है और बच्चे व्यस्क कोने पर अपना जोड़ा बना लेते हैं 

अनुकूलित वातावरण ना मिलने और शिकार के कारण बटेर की घटती हुई 

संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने वाइल्डलाइफ एक्ट 1972 के तहत 

बटेर के  शिकार पर पाबंदी लगा दी 

दूसरी तरफ देश में बटर के मांस और अंडों की बढ़ती डिमांड को ध्यान में 

रखकर 1974 में आईसीएआर ई (ICARI ) इंडियन काउंसिल आफ 

एग्रीकल्चर रिसर्च इंस्टीट्यूट की संस्था CARI  सेंट्रल एविएशन रिसर्च 

इंस्टीट्यूट यानी केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान इज्जत नगर बरेली ने 

अमेरिका से जापानी बटेर लाकर साथ ही कई देसी नस्लों की प्रजातियां को 

विकसित किया ताकि बटेर का व्यवसायिक पालन कर बढ़ती खपत की 

आपूर्ति की जा सके|  


Commercial Quail Farming 

( व्यावसायिक बटेर पालन )


अब बात करेंगे कमर्शियल बटेर फार्मिंग व्यावसायिक बटेर पालन की देश 

में मांस और अंडों की बढ़ती मांग के इस दौर में पोल्ट्री फार्मिंग या कुकुट 

पालन के क्षेत्र में बटेर पालन किसनो, बेरोजगार नौजवानों, महिलाओं और 

पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़े लोगों के लिए कम खर्चे में ज्यादा मुनाफा कमाने का 

एक अच्छा विकल्प है 

बटेर पालन को आप दूसरे काम के साथ साइट बिजनेस के तौर पर भी कर 

सकते हैं बटेर पालन को शुरू करने के लिए कुछ नया करने की जरूरत 

नहीं है 

यह मुर्गी पालन की तरह एक व्यवसाय है सिर्फ फर्क इतना है कि मुर्गी 

पालन में ज्यादा जगह, ज्यादा लेबर और अधिक पूंजी की जरूरत होती है 

लेकिन बटेर पालन में कम जगह कम लेबर बहुत ही कम खर्चे में आसानी 

से किया जा सकता है एक मुर्गी के निर्धारित स्थान में 8 से 10 बटर रख जा 

सकते हैं साथ ही मुर्गीयो की तुलना में बटेरों के खाने की खपत भी काई 

गुना कम होती है बेटर फार्म की बनावट मुर्गी फार्म जैसी ही हवादार पर्याप्त 

रोशनी की व्यवस्था के साथ बनाई जाती है बटेरों को बड़े-बड़े पिंजौर में भी 

पाला जा सकता है 

बटेरों को खाना पानी देने के लिए मुर्गियों की तरह ही व्यवस्था की जाती है इनको खाना पानी फीडर में दिया जाता है 


बेटर के चूजों की देखभाल

अब बात करते हैं बेटर के चूजों की देखभाल और उनके पालन पोषण की 

बटेर का चूजा महज  7 ग्राम का होता है इसलिए चूजों की 1 से 2 सप्ताह 

अच्छी तरह से केयर करनी चाहिए चूजों की मृत्यु दर जितनी कम होगी 

उतनी ही आपकी आमदनी बड़ेगी क्योंकि दो सप्ताह के बाद बटेर में मृत्यु 

दर लगभग जीरो बराबर हो जाती है 


बटेर के चूजों के मरने के दो प्रमुख वाजहए हैं 

पहली वजह बटेर के चूज़े  पानी देने के तरीके पर विशेष ध्यान देना 

चाहिए एक नीचे बर्तन में कंकर पत्थर के छोटे-छोटे टुकड़े या पेड़ बिछा 

कर पानी देना चाहिए जिससे बच्चे चोच से पानी पीये और भीगे ना क्योंकि 

बटर के चूजे भीगने से निमोनिया के कारण मर जाते हैं 


दूसरी वजह चूज़े के फिसलने के कारण पैर टूटने से मृत्यु होती है 

इसलिए चूज़ को चिकनी सीट पर नहीं रखना चाहिए इसके लिए कोरूगेट 

सीट का इस्तेमाल करना चाहिए 


चूज़ों का रख राखब 


चूज़े रोग मुक्त होने चाहिए इसीलिए चूजे हमेशा मान्यता प्राप्त हेचरी से 

ही बटेर के चूजों को बैटरी ब्रीडर में रखना अच्छा रहता है चीजों को शुरू 

में 37 डिग्री सेल्सियस टेंपरेचर पर रखना चाहिए धीरे-धीरे टेंपरेचर को 

घटकर 2 से 3 सप्ताह में नॉर्मल किया जा सकता है टेंपरेचर को मेंटेन 

रखने के लिए आप इलेक्ट्रिक बल्ब जलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं 

बटेर के चूजों को पर्याप्त रोशनी में रखना चाहिए 

खरीदने चाहिए दो सप्ताह के बाद चीजों को बैटरी ब्रूडर से निकाल कर 

ग्रोवर घर में छोड़ देना चाहिए बैटरी ब्रूडर में प्रति बटर लगभग 150 

सेंटीमीटर स्क्वायर और दीप लीटर विधि में प्रति बटर लगभग 200 

सेंटीमीटर स्क्वायर स्थान पर्याप्त है साथ ही 12 घंटे रोशनी की भी व्यवस्था 

करनी चाहिए|  


व्यस्क बटेरो की वैज्ञानिक तरीके से देखभाल


अब बारी आती है व्यस्क बटेर पालन की वैज्ञानिक तौर तरीके से 

देखभाल की वैज्ञानिक तौर तरीके से देखभाल और बड़बारी की 

व्यस्क बटेर पालन को फर्श या पिंजौर में भी रखा जा सकता है फर्श पर 

लीटर मुर्गी घर जैसा ही दिया जा सकता है लेकिन लीटर की मोटी 10 

सेंटीमीटर पर्याप्त है इसके लिए धान का छिलका या लकड़ी का बुरादा 

बिछा कर साथ ही चुना पाउडर का इस्तेमाल भी किया जा सकता है 

जिससे नमी को शोक कर बैक्टीरिया को नष्ट कर देता है 


अंडे देने वाली बटेरों को पर्याप्त स्थान के साथ तीन बटेरों पर एक नर की 

व्यवस्था करनी चाहिए जिससे फर्टाइल अंडे प्राप्त किया जा सके वही 75% 

अंडे बटेर शाम के वक्त तीन से छह बजे के बीच देते हैं 


बटेरो का आहार 

बटेरो के आहार में 27% प्रोटीन, 28 कैलोरी ऊर्जा प्रति किलो आहार में 

देना चाहिए 3 सप्ताह के बाद 24% प्रोटीन, 29 कैलोरी ऊर्जा प्रति किलो 

आहार में निश्चित रूप से देना चाहिए यह आहार बाजार में आसानी से मिल 

जाता है आपकी जानकारी के लिए बता दें एक व्यस्क बटर 1 दिन में 14 से 

20 ग्राम दाना खाती है 


बटेर की प्रमुख नस्ले 

व्यावसायिक बटेर पालन के लिए बटेरों की प्रमुख नसों को जानना भी 

जरूरी है बटेरों को उनके पंखों के रंगों के आधार पर विभिन्न प्रजातियों में 

बांटा गया है


केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित बटेरों की प्रजातियां 

1.सामान्य बटेर 

2.केरी उत्तम, इसे बॉयलर बटेर या जंगली फरोह भी कहते हैं 

3.कैरी पर्ल, सफेद अंडा देने वाली, 

4.केरी उज्जल सफेद छाती वाली

5.केरी स्वेत संपूर्ण सफेद होती है

6.केरी ब्राउन 

7.केरी सुनहरी 

यह भारत में विकसित की गई नस्ल हैं इसके अलावा 

9.इंग्लिश सफेदे 

10.टक्सीडो 

11.ब्रिटिश रेंज 

12.मंचूरियन गोल्ड 

13.टेक्सास ए 

14.इतालियन 

15.स्कारलेट 

16.रेड रेंज 

17.रॉक्स डिलुते

18.फरोहा। इत्यादि 


बीमारीओ से बचाव और रोकथाम

अब बात करेंगे बटेरों को बीमारीओ से बचाव और रोकथाम की 

जो संक्रमण रोग जो मुर्गे मुर्गियों में होते हैं बटेरों में नहीं होते क्योंकि बटेरों 

में रोग रोधक क्षमता अधिक होती है इसलिए मुर्गे मुर्गियों में लगने वाली 

बहुत सी बीमारी बटेरों में नहीं पाई जाती 


बटेरो में होने वाली प्रमुख बीमारियां


लेकिन फिर भी इनके संपर्क में आने पर बटर भी प्रभावित हो सकती है 

बटेरो को प्रभावित करने वाली कुछ प्रमुख बीमारियां 

अल्सरेटिव इंटेस्टी यह एक जीवाणु जनित बीमारी है इससे प्रभावित 

बटर को ड्रॉपिंग आता है और आंत में अल्सर होती है इसके बचाव के लिए 

लीटर पर साफ सफाई का विशेष ध्यान देना चाहिए और लीटर पर पानी 

नहीं गिरना चाहिए 

कोक्सीडीयोसिस इस रोग में बटेर इकट्ठा रहते हैं डोपिंग में खून 

आता है बैटर पंख गिरा कर रहते हैं स्ट्रोमानियासिस इसमें बटर सिल्वर रंग 

की ड्रॉपिंग में खून आता है बैटर पंख गिरा कर रहते हैं 

स्टोमोनियसिस इसमें बटर सिल्वर रंग की ड्रॉपिंग करते हैं अगर 

आप यह लक्षण देखे तो प्रभावित बटेरो को झुंड से अलग कर दें और वेट 

डॉक्टर की सलाह से दवाई देनी चाहिए 

कुल मिलाकर बीमारियों से बचाव के लिए कुशल प्रबंधन सबसे अच्छा 

उपाय है 


बटेर मार्केटिंग [ Quail Marketing ]


अब बारी आती है मार्केटिंग की यानी जब बटेर पांच सप्ताह की या 35 दिन 

की हो जाए तब बाजार में बेचने लायक होती है अच्छी बात यह है कि 

बाजार में बटेर पीस के हिसाब से बिकती है क्योंकि बटर का वजन में 

लगभग 150 से 250 ग्राम तक होता है एक बटर 60 से 80 रुपए तक में 

बिक जाती है सर्दियों के मौसम में डिमांड के साथ रेट भी बढ़ जाता है 

अलग-अलग क्षेत्रो के हिसाब से रेट में अंतर हो सकता है


Quail Eggs and meet

बटेर के अंडे और मांस के लाभ 

CARI ( सी ए आर आइ ) सेंट्रल एवियन रिसर्च इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिक 

डॉक्टर राज नारायण के शोध के मुताबिक बटेर का मांस और अंडे मुर्गों 

की तुलना में स्वास्थ्य के लिए ज्यादा सुरक्षित है  बटेरों में रोग प्रतिरोधक 

क्षमता अधिक होती है इसीलिए मुर्गी मुर्गियों की तुलना में बटेर पालन में 

दवाइयां का खर्च न के बराबर होता है बटेर के मांस में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में 

होता है फैट और कोलेस्ट्रॉल कम होता है स्वादिष्ट होने के साथ अधिक 

ऊर्जा के कारण स्वास्थ्य अच्छा रहता है दिल के लिए बहुत फायदेमंद है 

Quail egg बटर के अंडे दिमाग और आंखों के लिए बहुत ज्यादा लाभदायक है 

बैटर 45 दिन की आयु में अंडे देना शुरू कर देती है एक मादा बटर 250 

से 300 तक अंडे देती है बटर में अंडा उत्पादन क्षमता अधिक होती है 

इसीलिए बटर और उसके अंडे दोनों ही व्यवसाय को सफल बनाने में 

योगदान देते हैं कुल मिलाकर कुक्कुट पालन के क्षेत्र में बटेर पालन एक 

अच्छा स्वरोजगार विकल्प है आप बटेर पालन को अपने किसी भी काम के 

साथ सुबह शाम का वक्त देकर पार्ट टाइम जॉब की तरह कर सकते हैं 

दोस्तों बटेर पक्षी और व्यवसाय कैसा लगा कमेंट करके जरूर बताएं | 


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