गिद्ध के अंडे की कीमत 50 लाख रूपये ,Vulture One Egg Cost Rs 50 Lakh
गिद्ध के अंडे की कीमत 50 लाख रूपये
Vulture One Egg Cost Rs 50 Lakh
दोस्तों धरती के सफाई दूत यानी गिद्धों की संख्या देश में काम हो रही है
लेकिन गिद्धों के मामले में मध्य प्रदेश देश में नंबर वन बन गया है जानकारी
के मुताबिक यहां गिद्धों की संख्या सबसे ज्यादा 9440 है भोपाल गिद्ध
प्रजनन केंद्र में गिद्धों की जनसंख्या बढ़ाने के लिए संघर्ष जारी है
इस प्रजनन केंद्र को चलाने और रखरखाव में मध्य प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष
50 लख रुपए खर्च करती है भोपाल के गिद्ध प्रजनन केंद्र में 61 गिद्ध
निगरानी में पल रहे हैं यहां 8 वर्ष पहले हरियाणा से 23 जोड़ यानी 46 गिद्ध
ले गए थे चार छिंदवाड़ा के जंगलों से ले गए थे लेकिन यहां 8 साल में सिर्फ
11 गिद्ध ही बढ़ पाए हैं इस कार्यक्रम में सरकार की ओर से अब तक चार
से साढे चार करोड़ पर खर्च किए जा चुके हैं इस हिसाब से गिद्ध का एक
अंडा 40 से 50 लख रुपए में पड़ा है
कुल मिलाकर अब गौर करने योग्य बात यह है कि गिद्धों की जनसंख्या तेजी
से क्यों नहीं बढ़ रही है गिद्ध जोड़े में रहकर भी ज्यादा संतान क्यों पैदा नहीं
कर पाता गिद्ध मीटिंग से क्यों कतराता है
इन सब सवालों पर बात करने से पहले अगर आप भी जानना चाहते हैं कि
गिद्धों का पतन कैसे हुआ तो हमारी वीडियो देखें कहां गए गिद्ध वीडियो
कॉ लिंक नीचे दिया गया है
Video Link----https://youtu.be/TBgmF536eC4?si=7iRXZD1NtN0scMzu
दरअसल गिद्ध कुछ नर्वस किस्म के जीव है यही कारण है कि जब कोई
इनकी ओर आता है तो उसे उल्टी करके डरा कर रोकने की कोशिश
करते हैं जबकि उल्टी करने का दूसरा फायदा यह होता है कि वजन हल्का
होने से गिद्धों को उड़ाने में आसानी रहती है
चिंता का विषय तो यह है कि करोड़ों रुपए का निवेश करने के बाद भी तेजी से गिद्धों की संख्या में वृद्धि न होना है
गिद्ध 5 वर्ष का प्रजनन के काबिल होता है विशेषज्ञों के मुताबिक गिद्ध
जल्दी अपना साथी या मीटिंग पर नहीं बनाते गिद्ध मई, जून से अक्टूबर के
बीच प्रजनन करते हैं मादा एक ही अंडा देती हैं अगर यह अंडा किसी
कारणवश गिर जाए या गंदा हो जाए तब भी गिद्ध दोबारा अंडा नहीं देते
यह साल में एक बार ही अंडे देते हैं वह भी एक ही अंडा देते हैं और अंडे
से बच्चा निकालने की संभावना 50% तक होती है
अंडे से 55 दिन यानी दो माह में बच्चा निकलता है बच्चा चार माह तक
घोसले में रहता है फिर उड़ाने के लायक होता है तो इस प्रकार गिद्धों को
प्रजनन और बच्चे की देखभाल में 6 महीने का लंबा वक्त लगता है
यही कारण है कि गिद्ध अपना कुनबा तेजी से नहीं बढ़ा पा रहे हैं क्योंकि
नर्वस किस्म के जीव होने के कारण गिद्धो को प्रजनन के मामले में शर्मिला
कहा जा सकता है अब आप समझ गए होंगे कि करोड़ों का खर्च करने के
बाद भी गिद्धों की आबादी बढ़ाना कितना मुश्किल काम है लेकिन यह सब
हमारी लापरवाही के कारण हो रहा है अगर इंसान ने गिद्धों को
ऑक्सीटोसिन और डाइक्लोफिनेक युक्त भोजन न खिलाए होता और
वातावरण को दूषित न किया होता पर्यावरण को बर्बाद ना किया होता तो
शायद इस मुश्किल का सामना न करना पड़ता इसलिए प्रकृति के सफाई
दूध को विलुप्त होने से बचने के लिए सरकार और संस्थाओं के साथ
मिलकर प्रत्येक व्यक्ति का परम कर्तव्य है कि पर्यावरण की रक्षा करें ताकि
गिद्धों को बचाया जा सके दोस्तों जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर
बताएं|
Post a Comment