कोयल पक्षी के रहस्य,Secret of cuckoo bird
कोयल पक्षी के रहस्य,Secret of cuckoo birds
दोस्तों बात करते हैं एक ऐसे परिंदे के बारे में जो रंग का
काला है लेकिन आवाज का बड़ा ही आला है
अपनी सुरीली आवाज से सबको माईल कर लेता है इस
परिंदे का नाम है
कोयल इसे अंग्रेजी में कुकू भी कहते हैं इसका
साइंटिफिक नेम यूडानेमिस है ये झारखंड स्टेट का
राज्य पंछी है
कोयल की दुनिया भर में 120 से ज्यादा प्रजातियां पाई
जाती हैं ज्यादातर प्रजातियां एशिया अफ्रीका में पाई
जाती हैं इंडियन सबकॉन्टिनेंट भारतीय उपमहाद्वीप में
पाए जाने वाले कोयल का रंग काला मीडियम साइज का
परिंदा है मादा कोयल का शरीर धब्बेदार काले रंग का
होता है
अब बात करते हैं कोयल के कुछ अनोखे तत्वों के बारे
में जो शायद आप नहीं जानते होंगे तो हमने कोयल के
अनोखे तत्वों को 4 पॉइंट में डिस्कस किया है एक
इंटेलेक्चुअल तरकीब के तहत
1 पॉइंट नंबर वन कोयल की जिस मधुर सुरीली आवाज
के आप दीवाने हैं वो आवाज नर कोयल की होती है
और फीमेल कोयल कभी नहीं गाती
केवल नर यानी मेल कोयल ही गाती है
2 पॉइंट नंबर कोयल का माइग्रेशन प्रवास जैसा कि
आप देखते होंगे कोयल नॉर्थ इंडिया में केवल गर्मी के मौसम
में ही देखी जा सकती है जो लोग ग्रामीण क्षेत्र में रहते हैं
वह इसको नोटिस कर सकते हैं क्योंकि कोयल को
चमकीली तेज चिल चिलाती धूप और गर्मी के मौसम में
रहना बेहद पसंद है
कोयल का माइग्रेशन बडा ही मशहूर और मारूफ है
कोयल नॉर्थ इंडिया में मार्च अप्रैल के महीने में दस्तक
देती है यहीं पर अंडे देती है बच्चे निकलवाती है बच्चों
की परवरिश भी यही पर कराती है
जैसे ही बच्चे व्यस्क होते अपने साथ वापस लेकर सितंबर
से अक्टूबर के बीच साउथ इंडिया की तरफ लॉन्ग
माइग्रेशन करके चेन्नई श्रीलंका की तरफ रवाना हो
जाती है
3 पॉइंट नंबर कोयल कभी भी अपना घोंसला नहीं बनती
क्योंकि कोयल नीड़ परजीवी फैमिली में आती है एक
मादा कोयल एक रिप्रोडक्टिव पीरियड के दौरान 12 से
20 अंडे देती है और सभी अंडे कौवे के घोसले में रखती
है रिप्रोडक्टिव पीरियड के दौरान मादा कोयल अपने
अंडों को रखने की फिराक में कौवे के घोंसले के करीब
पेड़ की किसी शाख पर छुप कर बैठ जाती है अब मेल
कोयल यानी नर कोयल कौवे को बुरी तरह चिढ़ा देता है
और कौवा क्रोध में आकर उसके पीछे उड़ने लग जाता
है नर कोयल कौवे को दूर ले जाता है इसी दौरान मौका
पाकर पहले से तैयार मादा कोयल अपने काम को
सफाई से अंजाम देते हुए कारोबार को मंजिले मकसूद
तक पहुंचा देती है कौवे के अंडों को गिरकर अपने अंडे
रख देती है अब कोयल यहां से तेजी से फरार हो जाती
है उधर जब कौवा वापस आता है तो अंडों पर जाकर
आराम से बैठ जाता है और उन पर तब तक बैठा रहता
है जब तक उनसे बच्चे निकलते हैं और फिर बच्चों की
परवरिश में लग जाता है
4 पॉइंट नंबर फॉर जो इस टॉपिक का आखिरी बिंदु है कोआ अंडों से बच्चे
निकलता है और पूरी मेहनत और जिम्मेदारी के साथ बच्चों का पालन
पोषण करता है और परवरिश में लग जाता है इसी परवरिश के दौरान एक दिन
बच्चे भी नौ दो ग्यारह हो जाते हैं क्योंकि जब अंडे ही कॉअ नहीं थे तो बच्चे
कैसे होते कौवा अकेला देखता रह जाता है इस प्लानिंग के तहत कौवे
से अंडो से बच्चे निकलवाती है उससे ही बच्चों की परवरिश करा लेती है
और घोंसला भी कौवे का ही इस्तेमाल करती है कोयल अपनी फितरत से
यह सारा काम बड़े ही सलीके से कोवे से ले लेती है
दोस्तों यह थी जानकारी कोयल के कुछ अनोखी तत्थो के बारे में अगर
जानकारी अच्छी लगी तो रिस्पॉस दे|
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