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उल्लू के बारे में अंधविश्वास, आस्था और साइंस, Owl Bird

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उल्लू के बारे में अंधविश्वास, आस्था और साइंस, Owl Bird 

Owl-Bird-superstition-faith 

इस टॉपिक में बात करेंगे एक ऐसे परिंदे की जिसे केवल रात में दिखता है जी हां सूरज की रोशनी में 

तो सभी देखते हैं बात हो रही है जब सूरज छुप जाए रात के अंधेरे के बीच सन्नाटा छा जाए उस वक्त 

देखने वाले परिंदे उल्लू की 

रात में देखने वाले पक्षियों को अंग्रेजी में नोक्चर्नल कहते हैं फारसी में सब्जी, अरबी में,अल लेलई, 

हिंदी में निशाचर या रात्रि कर कहते हैं 

दोस्तों अब बात करते हैं उल्लू के कुछ साइंटिफिक फैक्ट और धार्मिक आस्था की ताकि आपके 

जहन में कोई भी गलतफहमी ना रहे इसीलिए हम उल्लू के वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों पहलुओं पर 

रोशनी डालेंगे 

उल्लू पक्षी 

चलिए जानते हैं उल्लू के कुछ साइंटिफिक फैक्ट 

दुनिया भर में उल्लू की 200 से ज्यादा प्रजातियां 

पाई जाती हैं उल्लू लगभग दुनिया के हर हिस्से में पाया जाता है केवल अंटार्कटिका को छोड़कर 


उल्लू खासकर पर्वती क्षेत्र में, दुर दराजके जंगलों में, खंडरो में अक्सर ये पाए जाते हैं उल्लू अपना 

घोंसला पेड़ के खोखले में बनाते हैं यहीं पर अंडे देते हैं और यहीं पर बच्चे निकलते हैं अंडों से और 

बच्चों की परवरिश होती है विकिसत होने पर बच्चे उड़कर अपना अलग ठिकाना ढूंढ लेते हैं उल्लू 

की उम्र लगभग 30 वर्ष होती है उल्लू सर्वव्यापी निशाचर पक्षी है उल्लू की आंखें बड़ी व गोल एक 

जगह फिक्स रहते हैं घूम नहीं सकती इसीलिए उल्लू बार-बार अपनी गर्दन को घुमाता है देखने के 

लिए उल्लू अपनी गर्दन को 270 डिग्री के एंगल पर घूमा सकता है यानी 135 डिग्री क्लाकवाइज 

और 135 डिग्री एंटी क्लाकवाइज घूमा सकता है 


उल्लू की द्रष्टि 

इसीलिए उल्लू बगैर हिले सिर्फ गार्डन को घूमकर अपने पीछे की वस्तु को देख सकता है उल्लू 

किसी भी वस्तु का थ्री डाइमेंशनल इमेज देख सकता है यानी उल्लू किसी भी वस्तु का 3D लंबाई 

चौड़ाई ऊंचाई तीनों देख सकता है 

आंखों के रेटिना में दो तरह की सेल्स होती हैं कोंस और रोडस सेल्स होती है कोंस सेल्स हमें 

मुख्तलिफ रंगों का ज्ञान कराती हैं जबकि रोड सेल्स अंधेरे में देखने में मददगार होती है 

उल्लू की आंख में रोड सेल्स अधिक मात्रा में पाई जाती है जोकी उल्लू को अंधेरे में देखने के काबिल 

बनाती हैं आपेक्षाकृत उल्लू की आंख की पुतली बड़ी होने के कारण अधिक फैलने की क्षमता होती 

है जिससे कम से कम रोशनी में भी देख सकता है उल्लू की आंख को सेंसिटिव बनाने वाली सेल्स भी 

हमारी आंख के मुकाबले में लगभग पांच गुना ज्यादा होती हैं 

उल्लू इकलौता पक्षी है जो नीला रंग भी देख सकता है उल्लू की आंख सूरज की रोशनी में चौंधिया 

जाती है  और रात के अंधेरे में अच्छा दिखता है इसीलिए उल्लू रात को सोने के बजाय शिकार करते हैं 

उल्लू एक शिकारी पक्षी 

उल्लू शिकार के लिए बहुत तेज व शक्तिशाली माना जाता है उल्लू के पंजे 135 kg  पर स्क्वेयर इंच 

का फोर्स लगा सकते हैं जो की एक तगड़ी इंसानी बाइट के बराबर है उल्लू रेप्टाइल्स से लेकर 

मेमालिया तक के एनिमल्स को अपना शिकार बना लेते हैं जैसे चूहा, सांप, गिलहरी, लिजर्ड, 

खरगोश, मछली आदि से लेकर छोटे उल्लू तक को खा जाते हैं 

क्योंकि सबसे छोटा उल्लू ईल्फ लगभग 30 से 40 ग्राम का होता है दुनिया का सबसे बड़ा उल्लू ग्रेट 

हॉरनेड 2.  5 kg होता है इसके पंख 5 फीट लंबे होते हैं उल्लू सबसे ज्यादा चूहों का शिकार करता 

है साल भर में हजारों चूहे खा जाता है 

उल्लू खेतों की फसलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता बल्कि चूहे को खाकर फसलों को फायदा 

पहुंचता है उल्लू के दांत नहीं होते यह अपने खाने को सीधे ही निकल जाता है 

उल्लू की उड़न और सुनने की क्षमता 

उल्लू उड़ते वक्त खासकर शिकार के दौरान बिल्कुल भी आवाज नहीं करता क्योंकि इसके पंखों का 

उपरी हिस्सा   मुलायम परो से बना होता है जो आवाज को अपने अंदर शोख्ता है जब पंखों से हवा 

टकराती है तो इसके पंख हवा को अपने अंदर से गुजरने देते हैं जिससे आवाज नहीं होती 

उल्लू इंसानों से 10 गुना धीमी आवाज भी सुन सकता है और अपने कानों को सुनने के लिए किसी 

भी दिशा में घूम सकता है कई बार उल्लू रात के अंधेरे में अपने शिकार को देखकर नहीं बल्कि 

उसकी आवाज सुनकर भी पकड़ लेते हैं 

उल्लू का विहेवियर 

उल्लू एक ऐसा परिंदा है जो कैद में नहीं रह सकता कैद होने पर खाना पीना छोड़ देता है और मर 

जाता है 

यूके में आप उल्लू को पाल सकते हैं लेकिन USA में नहीं जबकि भारत में उल्लू का शिकार करना 

भी गैर कानूनी है वाइल्डलाइफ एक्ट 1972 के तहत उल्लू को पकड़ना या उसका शिकार करना 

दंडनीय अपराध है 

उल्लू के बारे में समाज में फैली बुराइयाँ 

अब बात करते हैं उल्लू के मुताल्लिक धार्मिक आस्था और समाज में फैली कुछ गलतफहमियों के 

बारे में अक्सर हम अपनी बोलचाल में यह जुमला इस्तेमाल करते हैं उल्लू मत बनाओ उल्लू का पट्ठा 

इसका मतलब बेवकूफ ना बनाओ यह बहुत ज्यादा प्रचलित है समाज में उल्लू का मतलब मूर्ख 

समझ जाता है जबकि उल्लू बहुत ही तेज व चंट चालक परिंदा है आउल इस सिंबल ऑफ़ विजडम 

प्राचीन यूनानी बुद्धि की देवी एथेन को उल्लू का रूप मानते थे हिंदू आस्था के मुताबिक उल्लू धन की 

देवी लक्ष्मी का वहां है इस्लामी नज़रये से देखे तो इसका जिक्र हदीस में भी मिल जाता है उल्लू का 

बोलना कोई मनहूस नहीं कोई नहूसत नहीं इसी तरह आपको अबू दाऊद की रिवायत में भी मिल 

जाएगा उल्लू का ज़िक्र

समाज में पहली गलतफहमी और अंधविश्वास के कारण लोग उल्लू की अवैध तस्करी और शिकार 

करते हैं उल्लू को जादू करने के लिए प्रयोग किया जाता है कई मौके पर उल्लू की बलि चढ़ाई जाती 

है जिससे सैकड़ो उल्लूओ की हत्या की जाती है लेकिन उल्लू के ताल्लुक से जागरूक होने की 

जरूरत है ताकि इस पक्षी की जिंदगी को बचाया जा सके लगभग दुनिया भर में खासकर हमारे सब 

कॉन्टिनेंट में उल्लू के बोलने बैठने और दिखाई दे जाने को मनहूस या अशुभ समझा जाता है जहां 

तक की किसी के घर पर बैठा हो या बोला हो या उल्लू के बोलने की आवाज सुनाई दी जाती हो, तो 

पास में कोई मरने वाला है उल्लू के बोलने तक को भी मौत की अलामत समझा जाता है 

जबकि ऐसा कुछ नहीं है यह सिर्फ गलतफहमी है और वेइल्मी की अहम वजह है उल्लू एक रात में 

निकलने वाला परिंदा है जो इंसानों के लिए फायदा पहुंचता है  दोस्तों यह थी जानकारी उल्लू के कुछ 

साइंटिफिक फैक्ट और धार्मिक आस्था के बारे में और समाज में फैली कुछ बुराइयों को दूर करने के 

लिए जानकारी कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताएं


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